Wednesday, January 11, 2012

ख़ामोशी


तेरे एक स्पर्श ने मुझे ,
तेरा दीवाना बना दिया, 
अचानक बिना  किसी स्पर्श के ,
तुने मुझे बेगाना बना दिया .

हर तरफ ख़ामोशी , सन्नाटा सा छा गया ,
लग रहा था  मानों सब ख़त्म होने को आ गया .

हाथ मेरे काप रहे वेसे ही ,
जैसे दिल मेरा तड़प रहा ,
तेरे न होने  का गम तो बहुत है ,
पर एक एहसास दिल मे पनप रहा  .

ए  ज़िन्दगी  तुझे कभी न कभी ,
मै भी याद आऊंगा ,
पर शायद तब तक मै तुझसे ,
और इस दुनिया से बहुत दूर चला जाऊंगा .

यह सत्य है की अब मै फिर कभी, ज़िन्दगी तुझे ना पाउँगा ,
पर  शायद तेरी  यादो से धुंधला जाऊंगा ,
याद तो तू मुझे मेरी हर धड़कन मे रहेगी ,
पर जल्द ही इस धड़कन को भी छोड़  जाऊंगा .

दर्द है तेरे जाने का बहुत ,
पर क्या हुआ तेरी ख़ुशी के लिए ,
यु ही घुट घुट के जिता जाऊंगा  .
,

यह सत्य है ,
इस  जन्म मे मै फिर ना कोई ज़िन्दगी  पाउँगा ,
वादा है मेरा तुझसे स्पर्श , मै फिर वापस आऊंगा ,
अगले जन्म मै फिर से तुझे अपनी ज़िन्दगी बनूँगा .

ए दोस्त तू कितना महान है ,
अब तू ही मेरी जान है ,
तेरे ही सीख़ ने मुझे जीना सीखा दिया ,
गम तो बहुत है ज़िन्दगी के जाने का ,
पर  तुने बिन ज़िन्दगी  जिंदा करा दिया  .

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