Monday, December 31, 2012

आखिर पड़ गए जी हम तेरे प्यार मे



तेरा यु अचानक मुझसे मिलना ,
एक दुसरे से अनजान हम दोनों ,
फिर भी हमारे चहरे का खिलना ,
आखिर पड़ गए जी हम तेरे प्यार मे !!

तेरे आँखों मे  कुछ झलक जो देखी मैने  ,
खुद को ही पाया उनमे ,
एक ही पल मे तुम्हे अपनाया हमने ,
आखिर पड़ गए जी हम तेरे प्यार मे !!

तेरे होठो का वो स्पर्श ,
जब इन गालो पर पहली बार हुआ ,
लगा मानो ऐसा जैसे ,
पहले इश्क का पहेला इज़हार हुआ !!

तुम कुछ भोली हो , कुछ हो हसीन ,
ना रोक पाया इस दिल को तुमसे मोहब्बत करने से ए जानशीं ,
कुछ ही घंटों की मुलाकात को ,
तुमने एक नाम दिया ,
प्यार एक पल मे भी हो जाता है ,
ऐसा तुमने पैगाम दिया !!

जब लड़े पहली ही दफ़ा , पहली मुलाकात मे  ,
हो गई मिस अंडरस्टैंडिंग बिना बात के , 
तेरा उस वक्त चहरे पे गुस्सा और आँखों मे  प्यार ,
देख कर दिल हो गया बेक़रार ,
आखिर पड़ गए जी हम तेरे प्यार मे !!

माना की दिले इज़हार अभी बाकी है ,
आँखों से इसारा ही नहीं काफी है ,
मेरे यु करीब तुम आ जाओ ,
सारी दुरिया मिटा जाओ !!

एक गलतफैमी है तुमको , वो मुझे मिटानी है ,
तुम मुझसे खफ्फा नहीं ,
मै तुमसे खफा हु ,
ये बात तुम्हे बतानी है !!

ये पहले मुलाकात के पहले प्रेम की ,
शुरुआत की कहाँनी है ,
जिसे अभी और लिखी जानी है ,
आखिर पड़ गए जी हम तेरे प्यार मे !!!!!! ........... To Be Continued <3 font="font" nbsp="nbsp" style="line-height: 1.8;">


शशांक विक्रम सिंह '' श्रीनेत '' 


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