तुम जब बड़ी तसल्ली से हमे निहारती हो ,
आंखो से ही जान हम पर वारती हो ,
सोचता हू बस उसी वक़्त ,
दफनाए हुए अरमां को अल्फाज़ो से कह जाऊ ,
तुम तो कह देती हो संगीत बना कर बातो को ,
पर मैं बेसुरा कैसे गा कर हाल ए दिल सुनाऊ .
यु तो तेरे जाने के बाद ,
तेरी मौजूदगी का आभास हुआ ,
और जब तू लौट कर आई ,
तब आईने संग मेरी निगाहो को ,
तुझसे मोहब्बत का एहसास हुआ .
तुझे देख कर ही ,
सुबह की शुरुआत होती है ,
तेरी ही मुस्कुराहट से ,
चहरे पर मेरे मुस्कान होती है .
यु तो कभी ऐसा हुआ नहीं ,
तुझ जैसे यहाँ पहले कभी ,
किसी ने भी था ,
दिल को छुआ नहीं .
ये जानते हुए भी ,
तेरी मोह्हबत पर किसी और का राज है ,
दिल हर रोज़ तुझपर आज जाता है ,
और हमेशा की तरह ,
अपनी बातो को कहने से रह जाता है .
तेरा मुस्कुराना , तेरा रूठ जाना ,
आईने से हमसे नजरे मिलाना ,
तो कभी खो कर कही और ,
भूल कर जमाने को हमे देखते रह जाना .
तेरी हर अदा को निगाहो से तो नहीं ,
पर दिल से देख लेता हु ,
चाहत का तो पता नहीं ,
पर हर रोज़ कुछ लम्हों के लिए ही सही ,
तुझसे मोह्हबत कर लेता हु .
ये पता नहीं ,
इस रिश्ते का आगे क्या होगा ,
पर जहा तक बात तेरी मौजूदगी की है ,
मेरे हर लम्हे मे तेरा जिक्र होगा .
सोचने लगी हो अगर तुम ,
ये तुम कही तुम तो नहीं ,
तो फिक्र मत करो ,
अगर नहीं मंजूर मेरी मोहब्बत ,
तो ये तुम , तुम नहीं .
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पर मैं बेसुरा कैसे गा कर हाल ए दिल सुनाऊ .
यु तो तेरे जाने के बाद ,
तेरी मौजूदगी का आभास हुआ ,
और जब तू लौट कर आई ,
तब आईने संग मेरी निगाहो को ,
तुझसे मोहब्बत का एहसास हुआ .
तुझे देख कर ही ,
सुबह की शुरुआत होती है ,
तेरी ही मुस्कुराहट से ,
चहरे पर मेरे मुस्कान होती है .
यु तो कभी ऐसा हुआ नहीं ,
तुझ जैसे यहाँ पहले कभी ,
किसी ने भी था ,
दिल को छुआ नहीं .
ये जानते हुए भी ,
तेरी मोह्हबत पर किसी और का राज है ,
दिल हर रोज़ तुझपर आज जाता है ,
और हमेशा की तरह ,
अपनी बातो को कहने से रह जाता है .
तेरा मुस्कुराना , तेरा रूठ जाना ,
आईने से हमसे नजरे मिलाना ,
तो कभी खो कर कही और ,
भूल कर जमाने को हमे देखते रह जाना .
तेरी हर अदा को निगाहो से तो नहीं ,
पर दिल से देख लेता हु ,
चाहत का तो पता नहीं ,
पर हर रोज़ कुछ लम्हों के लिए ही सही ,
तुझसे मोह्हबत कर लेता हु .
ये पता नहीं ,
इस रिश्ते का आगे क्या होगा ,
पर जहा तक बात तेरी मौजूदगी की है ,
मेरे हर लम्हे मे तेरा जिक्र होगा .
सोचने लगी हो अगर तुम ,
ये तुम कही तुम तो नहीं ,
तो फिक्र मत करो ,
अगर नहीं मंजूर मेरी मोहब्बत ,
तो ये तुम , तुम नहीं .
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