Tuesday, May 31, 2016

हाँ ... वो जायेगी

पहली दफा देख जिसे , 
दिल अपना कह बैठा था ,
जा रही थी दूर वो भी , 
जब ख़ुदा हमसे रूठ बैठा था . 

जिसकी मुस्कान हमे हसाती थी ,
आँखे जो भर आये उसकी ,
मेरी जान निकल जाती थी , 
आज बहुत रोई ,
पूरी रात नहीं सोई .

कल तक हाथो मे हाथ डाले ,
हम यु ही चला करते थे , 
खींच के ले आते थे पास ,
जो कभी वो दूर जाया करते थे . 

आज एक दफा फिर ,
वो लौट कर आई थी ,
साथ अपने अंगूठी लाई थी ,
देख जिसे मैं थोड़ा घबराया ,
पर कुछ कह नहीं पाया .

वो झट से मेरे करीब आई ,
आँखे थी उसकी भर आई  ,
देखते ही नम आँखों को उसके ,
हां वो जायेगी .. 
ये बात समझ आई .

चल पड़े एक दफा फिर तलाश मे उसके ,
शायद कही नजर आ जाये ,
मोहब्बत थी नहीं इतनी भी कमजोर हमारी ,
की वो नजर ना आये .

दिल को था पता ...  हां वो जायेगी ,
पर समझा नहीं पाया ,
अंजान रहो मे ढूंढने उसे चला आया .