पहली बार अरसो बाद ,
फिर से दिल ने ली अँगड़ाई ,
देखते ही उनको ; एक बात जुबा पर आई ,
क्या मुझे इश्क था .
अब तो है मानो आदत हो चुकी है उनकी ,
हर रोज़ दिल मे ; एक तुफ़ा सा आता है ,
हर बार वो दिल मे एक ही सवाल छोड़ जाता है ,
क्या मुझे इश्क था .
जब मैने उनको ; पहली दफा तस्वीर मे देखा ,
मुझे न था , इस बात का अंदेशा ,
की मेरे दिल को इश्क हो जायेगा ,
अब एक पल भी दूर रहना उनसे ,
ये दिल ना सह पायेगा ,
लगता है अब ऐसा क्यों ,
फिर से लब कुछ कह जायेगा ,
क्या मुझे इश्क था .
शुक्रगुजार हु मै कवित्री देवी का ,
जिन्होने मुझे सत्य का आभास कराया ,
एक बार फिर इस टूटे दिल मे , एक सवाल आया ,
क्या मुझे इश्क था .
हर रोज़ खोलता था fb जब भी ,
आप के बदलते पप्रोफाइल पिक्चर को ,
देखने की चाहत रहती थी ,
आप मानो या ना मानो ,
क्या मुझे इश्क था ,
इस बात पर मेरी और मेरे दिल की ,
नोक झोक अक्सर होती रहती थी .
गौर फरमाइयेगा मैडम जी ,
माना आप ही थी क्रस मेरा ,
और आप हि है मिस _SR ,
मै जानता हु आप है ,
किसी और की इश्क - ए - बहार ; I MEAN प्यार .
बेसक इस बार न सही ,
अगले जनम मै फिर लौट कर आऊंगा ,
अगर देर ना हुई होगी ,
वादा है मेरा ,
संग आप को मै भगा ले जाऊंगा .
तब तक यु ही सोचता रह जाऊंगा ,
क्या मुझे इश्क था ,
शायद हां ,
मुझे इश्क था . !!!!!!!!
You know what , शायद हां मुझे इश्क था
:-)*
:-)*
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