Monday, October 30, 2023

पहली नजर

चांद से मिल कर सोया ही था,
ख्वाबों में अब तक खोया ही था,
की एक तस्वीर से जा टकराया,
पहली दफा जब वो मेरे सामने आया ।

आंखों में जिसके सवाल कई,
होठों पे उलझन भरी मुस्कान थी,
गालों के डिंपल में छिपी खूबसूरती,
और मायूस दिल से दुनिया अनजान थी।

देख कर जिसको निगाहें मेरी,
शब्दो को उलझाने लगें,
एक और बार किसी अजनबी को,
उसके किस्से हम सुनाने लगें ।

इंतज़ार किस्सों के पूरे होने का,
अब थोड़ा बढ़ने लगा,
जब छोड़ कर मैं उसे,
अपनी मंजिल को ओर बढ़ने लगा ।

एक और दफा वो जाकर,
पहाड़ों पर मुझसे से टकरा गया,
अरसों बाद लगा कोई निगाहों से,
उतर कर मेरा दिल धड़का गया ।

सुकून की तलाश में हम दोनों,
अब आज़ाद हो कर घूम रहे थे,
एक और दफा शिद्दत से,
इन लम्हें को संग जी रहे थे।

अपने टूटे दिल के दर्द को,
किस्सों से तुमने मिटाया हैं,
बहुत सा ज़ख्म आज भी,
तुमने दुनिया छिपाया हैं ।

मुस्कुराहट का श्रृंगार तुम पर,
पहाड़ों के सुकून सा खिलता है,
बड़ी मुश्किल से ऐसा श्रृंगार,
किसी "कोहिनूर" को मिलता है ।

Thursday, October 12, 2023

दो ज़िंदगी और एक लाश

एक जिंदगी का लूट चुका सब,
एक जिंदगी आज़ाद हो गई,
दोनों की लाश से आखिर,
आखिरी मुलाकात हो गई ।

एक ने रोका बहुत दूर जाने से,
एक ने दूर किया जमाने से,
एक के मांग में सिंदूर भरा,
दूसरे के जीवन में था रंग चढ़ा ।

अब तक होने वाली आबाद ,
देखो अब बर्बाद हो गई,
अब तक होने वाली बर्बाद ,
आखिरकार आबाद हो गई ।।

दो जिंदगी के बीच पड़ी लाश,
बस तमाशा देख रही हैं ,
फरेबी और नकाबपोश से,
वो आज पहली बार मिल रही है।

जिसको सब दिया वो पीछे खड़ा ,
जिसका हक लिया वो लिपटा पड़ा,
अब भला और क्या खोने को है,
लाश तो राख होने को है ।

लिपटे लाश पर खुशबू उसकी,
शमा को महका रही हैं,
मानो संग लाश के,
आत्मा उसकी जा रही है ।

आज दोनों में फर्क ,
देखो बेहद बड़ा है,
एक हाथ जोड़े.. ,
दूसरा सब लुटाए लाश पर पड़ा है।

लाश को सिर्फ एक मलाल हैं,
और उसका एक सवाल है ,
कौन जुल्मी ज्यादा बड़ा है,
वो जो हाथ जोड़े खड़ा है,
या जो कफ़न में लिपटा पड़ा है ?!

जवाब मिलने से पहले ,
लाश राख हो गई,
दो जिंदगी के किस्सों को,
वो साथ ले गई ।।