अनजान राहों पर मिले थे कभी ,
सोचा ना था मिलेंगे फिर कभी ,
पर वक़्त ने आज मिला दिया ,
एक बार फिर ख़ुशी से दिल मुस्कुरा दिया ।
देखा जो पहली दफ़ा आँखों मे उसके ,
क्या ख़ूब जादू है ,
बोल कर 'हम' सिर्फ हमें ,
कर दिया इस दिल को बेक़ाबू है ।
झुकीं पलके , उठीं आँखें ,
होंठों पर मुस्कान ,
पर दिल मे दर्द काफी है ,
मुस्कुरा के अक्सर उन्हें वो छिपातीं है ।
बिन कुछ कहे उसके ,
मैं सब जान गया हु ,
थी अजनबी कुछ वक़्त पहलें तक ,
अब पहचान गया हूँ ।
दिल से ख़ूब हँसीं वो ,
आज अरसो के बाद ,
मिल गया शायद उसे ,
जिसे ढूँढती थी वो दिन रात ।
तू जो यु मुस्कुरा रहीं है ,
दिल को समझा रहीं है ,
मन को बहला रही है ,
लटों को घुमा रहीं है ।
मुझे है सब मालूम ,
कमबख़्त ये दिल है बड़ा मासूम ।
आओ चलों फिर तुम्हें ,
ख़यालों मे ले जातें है ,
आओ एक दफ़ा फिर ,
अजनबी बन जाते है ।