कोई तो होगा मुझ जैसा ,
जो मुझसे भी इश्क़ निभायेगा ,
हद से बेहद होते मेरे मन को ,
हर बार समझ पायेगा ।
मेरी हर फिक्र में जिसको ,
सिर्फ़ मोहब्बत नज़र आयेगी ,
सवालों के नहीं ,
एहसासों के फूल बरसाएगी ।
हर सुबह जिसका दीदार ,
मेरे आंख खुलने से पहले होगा ,
बंद आंखो में जिसके ,
सिर्फ मेरा जिक्र रहता होगा ।
मेरे उलझन के बढ़ जाने पर ,
हर दफा सुलझाएगी ,
थाम कर हाथ मेरा ,
हर बार मुझे गले से लगाएगी ।
कल्पना नहीं किसी रोज़ ,
वो मेरा सच बन कर आयेगी ,
मुझ जैसे वो भी मुझसे ,
हुबहु शिद्दत से इश्क निभायेगी ।
इंतजार में तब तक उसके ,
चलो मुसाफ़िर बन जाते हैं ,
हर सुबह पड़ कर इश्क़ में किसी के ,
शाम को किसी और से दिल लगाते हैं ।
सिर्फ़ इश्क़ करना नहीं ,
मुझे इश्क़ में उसे जीना हैं ,
उसके नहीं आने तक तक जिंदगी में ,
हर गुजरते इश्क़ को खोना हैं ।।