Saturday, December 30, 2023

वफा से बेवफाई

मुझसे इश्क़ की कवायद कर के,
तुम किससे इश्क़ निभाने लगे,
हर बढ़ते कदम को मेरे,
तुम अजनबी बन कर मिटाने लगे । 

मायूस दिल को मेरे,
जब उलझनों ने घेर लिया,
तुमने भी बन कर गैर कोई,
मुझसे मुंह फेर लिया ।

क्या वादे और क्या कसमें,
तुम हर रोज़ खाते रहे,
कर के वादा वफ़ा का मुझसे,
बेवफाई तुम निभाते रहे ।

क्यों ठहर कर मुझ पर ही,
मुझसे इश्क़ निभाया नहीं,
क्यों खुद जैसा मुझको भी,
इश्क़ में फरेबी बनाया नहीं ।

हर सुबह को शाम कह कर,
तुम सूरज को चांद बतलाते रहे,
वफा के बदले बेवफाई देकर,
मुझसे इश्क़ जताते रहे ।

तोड़ कर टुकड़ों में दिल मेरा,
तुमने और कितनो को बर्बाद किया,
मुझ जैसे इश्क़ का वादा,
और कितनो के साथ किया ?!

सुनो..

इश्क़ में बर्बाद होना छोड़ने पर,
तुम किसे बर्बाद कर पाओगे,
उस रोज़ इश्क़ की तलाश में,
खुद ही तड़पते रह जाओगे ।।