Monday, January 1, 2018

शराब

तूने लब को छूआ ही था मेरे ,
दिल पिघल गया ,
मचला था ना मन जैसे पहले कभी ,
वैसे मचल गया ।

पहली ही घुट में ,
प्यार ऐसा आया था ,
लगा जैसे कोई बिछड़ा ,
यार मिलने आया था ।

जाम पे जाम हम लगा रहें थे ,
तुझसे करते हैं मोहब्बत कितनी ,
ये बता रहें थे ।

खो चुका था सब कुछ ,
फिर भी तू आया ,
पहली ही मुलाक़ात में ,
क्या जी भर कर वक़्त बिताया ।

कौन कहता हैं तू ख़राब हैं ,
तेरे बिन ज़िंदगी बरबाद हैं ,
तू तो हर मर्ज़ की दवा हैं ,
बदनाम बेवजह हैं ।।

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