Sunday, January 29, 2023

समर्पण


यू तो इश्क़ में आज़ाद होकर ,
तुमने मुझसे इश्क़ किया है,
बदले में मैंने तो सिर्फ तुम्हें,
किसी पिंजड़े में कैद किया है।

तुमने देखा है दिन का उजाला,
और रात का अंधेरा भी,
भीगी हो बारिश में,
कई दफा बादलों ने घेरा भी ।

हर मुश्किल को आसान बना कर,
सब कुछ तुमने कुर्बान किया,
इश्क़ के बदले मिली जिंदगी,
वो भी तुमने मेरे नाम किया ।

आखों में तस्वीर मेरी ,
कैसे दुनिया को दिखा देती हो,
अनगिनत लिए जख्म गहरे,
कैसे तुम मुस्करा लेती हो।

ना कभी शिकवा काई,
ना कोई फरमाइश ,
तुमने तो खो कर बस मुझमें,
पूरी कर दी हर ख्वाइश ।

इतनी शिद्दत से भला,
कैसे तुम इश्क़ निभाती हो,
बिना पाने की ख्वाइश में,
सब लूटा जाती हो ।।