Saturday, August 29, 2020

महसूस

आज के इस अकेलेपन में ,

जब रिश्ते टूट रहे ,

मिल रहे कुछ नये पराये ,

और कुछ अपने पुराने छूट रहे ।


हर बदलते शाम के साथ ,

चाँद भी कुछ अनजान है ,

कभी चमकते जुगनू ,

कभी तारों से रोशन होता आसमान है ।


रात हो अँधेरी, या ,

हो उजालों का पहेरा ,

एक ख़ूबसूरत ख़्वाब ,

होता एहसास और गहरा । 


जुगनु ,

मीलों दूर कहीं खो गये तुम ,

दिन के उजाले में सो गये तुम ।


बस इस उजाले और अँधेरे में ,

उलझे हुए लाखों जज़्बात है ,

महसूस होती मौजूदगी जिसकी ,

वो धरती और मैं आकाश हैं ।

Friday, August 14, 2020

क़रीब

मोहब्बत हो ग़ैर की तुम ,

तुम मेरी मोहब्बत हो ,

शाम हो अंधेरी सी तुम ,

मेरी जुगनुओं सी मोहब्बत हो ।


समझना नहीं आसान तुमको ,

तुमको समझाना है नामुमकिन ,

मोहब्बत की फ़रियाद लिये बैठी तुम ,

और गिनते हम हर गुज़रता दिन । 


कभी हम पास , कभी तुम दूर ,

कभी हो वजह , कभी नामंज़ूर  ,

कभी वो लम्हे , कभी तेरी यादें ,

कभी तेरे वादे , कभी हम आधे ।


तेरी ख़ुशबू हो या तेरा एहसास ,

तेरी तिरछी निगाहे या बेहद पास ,

तेरा हँसना या हँसाना ,

मुश्किल है , पर , है तो निभाना ।


क़रीब तेरे जिस्म के नहीं ,

तेरी रूह के पास आना है ,

बेवजह ही सही ,

पर हर मर्ज़ की दवा बन जाना है ।


माना की मुश्किल होगी समझने में ,

पर समझ कर दिखाओ ,

क़रीब हो कर भी होते है दूर जो ,

हाले दिल कभी उनसे पुछ आओ ।


मोहब्बत है कोई और तुम्हारा ,

मोहब्बत हो मेरी तुम ,

हो कर भी एहसास क़रीब दिल के ,

धड़कने है गुमसुम ।।

Saturday, August 8, 2020

ख़फ़ा

तेरी हँसी मे बसी ख़ुशी ,

और आँखों में ग़म ,

मंज़र है बिछड़ने का आज ,

और वक़्त है काफ़ी कम ।


अनगिनत सवाल और चंद जवाब ,

अधूरे ख़्वाब और अल्फ़ाज़ ,

कैसा साज कैसा राज़ ,

चंद लम्हों का अधूरा साथ ।


इतने बरसात के बाद भी ,

क्यूँ इश्क़ में भीग नहीं पाये ,

मानो मिलने के लिये नहीं ,

बिछड़ने के लिये हर बार पास आयें ।


क्यूँकि अब तय है सफ़र ,

और मंज़िल भी बेहद पास है ,

दूर होते हम और हमारी यादें ,

शायद अंत का ये आग़ाज़ है ।


कभी हर लम्हे में थे हम ,

आज ख़्यालों में भी नहीं ,

कभी जवाब थे हम ,

अब सवालों में भी नहीं ।


कभी सुबह होती थी हमसे ,

और हमसे ही रात ,

ग़म की वजह भी हम ,

और ख़ुशियों की सौग़ात ।


आख़िरी दफ़ा टूट कर मुझसे ,

उनसे जुड़ने वो जा रहे है ,

हम हैं ख़फ़ा ज़िंदगी से ,

और वो मुस्कुरा रहे है ।