Thursday, October 6, 2011

मुझे याद आता है


उन दो बाये हाथो का मिलना ,
हमारे चहरो का खिलाना ,
आज भी मुझे याद आता है. 

हँस हँस कर चहरे को चुराना ,
चुपके से मेरे चहरे पर नज़र टिकाना , 
मुझे अब  भी याद आता है .


तेरा यू फ़ोन पे शर्मना ,
टेक्स्ट पर पूरी तरह मेरा हो जाना ,
तेरा यू हमेशा ख्वाबो मे आजाना ,
मुझे अब भी याद आता है .


फ़ोन डिस्क्न्नेक्ट होने पर गुस्सा हो जाना ,
मेरा वो बाबु सॉरी ;कह कर मानना ,
तेरा एक पल मे फिर मेरा हो जाना ,
मुझे अब भी याद आता है .



तेरी हर बात दिल से लगाना ,
तेरी गुस्से भरी  कॉल टेक्स्ट पे घबराना ,
मेरे  वो और और और पर ,
तेरा बोर हो जाना  ,
मुझे अब भी याद आता है .



मेरा यू रात मे जल्दी सो जाना ,
तेरा यू तन्हाई भरा टेक्स्ट आना ,
सुबह उठ कर सो जाने के बहाने बनाना ,
मुझे अब भी याद आता है .



यह प्यार हमारा अजब है जैसा ,
है ना कोई प्यारा है  वेसा,
बिना कुछ कहे ही सब समझ आता है ,
सुच कहू तोह तेरी; हर अदा पर दिल आ जाता है .

अक्सर ये  बाते सोच कर ,
चहेरा अपने आप खिल जाता है, 
हर तरफ तेरा ही चहेरा ;नज़र आता है  .

2 comments:

Anonymous said...

You make everything beautiful. ;)

Anonymous said...

BHAUT KHUB... :)