है बहुत कुछ ,
जिसकी जिंदगी में अधूरा ,
उम्मीदों को रख कैद ,
खामोशी से जिन्हे करती है पूरा ।
सुर भी है और ताल भी ,
अल्फाजों का कमाल भी ,
धुन भी वो खूब बनाती है ,
क्या खूब दर्द छिपाती है ।
कल था उसका सुंदर ,
या आज में उलझन ,
सवाल अब भी उभर कर आते है ,
हर दफा जब वो आंसू छिपाते है ।
है अपनी ही धुन में मगन वो ,
जबसे आज में जीने लगी है ,
वो लड़की अब खुद से ,
मोहब्बत करने लगी है ।
ना फिक्र है उसे कल की ,
ना कल की बातों का बहाना ,
ना कल छिपा है उसका ,
जान कर क्या ही करेगा जमाना ।
बस रखना याद ..
अधूरे पन्नों को भरने में ,
वक्त लगेगा ,
लिखा जो तक़दीर में है तुम्हारे ,
वो जरूर मिलेगा ll
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👏👏
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