Saturday, October 10, 2020

इश्क़ तो है

माना की इश्क़ में मुश्किलें है बहुत ,

पर करना भी ज़रूरी है ,

ख़ातिर रखने को किसी का दिल ,

किसी का तोड़ना भी ज़रूरी है ।


है एतबार इश्क़ पर उसके इतना ,

हम सब लूटा बैठे है ,

तोड़ कर अपनी ही ख़्वाहिशों को ,

उसकी ख़ुशियों को ही ख़्वाहिश बना बैठे है ।


ना रास्तों का पता ,ना ही कोई ठिकाना ,

अजनबी से लोग और दिल अंजाना ,

फिर भी पैरों के निशा तलाश कर ,

ढूँढ रहा दिल कोई अपना दीवाना ।


ग़ौर से ग़ैर को देख कर भी ,

नज़रें अक्सर लड़ा लिया करते है ,

अजनबी है बहुत महफ़िल में ,

अक्सर दिल चुरा लिया करते है ।


इश्क़ में उलझ कर हर एक दिल ,

किसी रोज़ क़ुर्बान होता है ,

किसी से होती है बेपनाह मोहब्बत ,

तो कोई इश्क़ बेवफ़ा , बदनाम होता है ।


इश्क़ तो हर दिल को होता ,

कभी हँसता कभी रोता है ।।