पहली बार मिला जो तुमसे ,
पहली मोहब्बत कर बैठा ,
पहली निगाहों के मिलते ही ,
दिल तुझको दे बैठा ।
लगा था वक्त बहुत बेशक मुझे ,
पर आज भी वो मुलाकात याद है ,
अनगिनत पूछे सवालों के,
रखे जवाब आज भी साथ है ।
वो नन्हा सा दिल जब से धड़का था ,
तुझे मैं हर पल देखता रहता था ,
ना थी वो उम्र दिल लगाने की ,
ना ही तुझमें डूब जाने की ।
पर डूबता गया मैं ,
गुजरते वक्त के साथ ,
कभी भरी मांग मैंने ,
कभी मांगा तेरा हाथ ।
यकीनन हां के इंतज़ार में ,
वक्त गुजरता चला गया ,
मुरझाते फूल को बगिया में ,
मानो जैसे माली छोड़ गया ।
तुम हो गई किसी और की ,
और हम भी कहीं और दिल लगा बैठे ,
पहली ही हो आख़िरी मोहब्बत ,
ये सच हम दोनों झूठला बैठें ।।
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