Monday, February 15, 2021

मोहब्बत ही तो है

आज शाम के इस अंधरे में भी ,
है उजाला जुगनू के मौजदगी से ,
खुश हूं बहुत यकीनन मैं आज ,
जगमगाते इस रोशनी से ।

है भरोसा कल फिर सुबह होगी ,
रोशनी हर जगह होगी ,
होगी एक उम्मीद तेरे हो जाने की ,
ज़िन्दगी भर साथ निभाने की ।

बदल रहा मौसम और मिज़ाज ,
बड़ रही नज़दीकियों में दूरियां ,
और अनगिनत मजबूरियां ।

तेरे हर ना को हां समझ लेना भूल थी ,
मुस्कुराहट पर टिकी ज़िन्दगी बेफिजूल थी ,
थी नहीं सच्ची गर मोहब्बत मेरी ,
तो शिद्दत से निभाने को क्यों वो मजबूर थी ।

खैर खो कर भी पा लिया ,
मोहबब्त का एक एहसास ,
बिछड़ते रिश्तों में किसी और के ,
आने की लिए आस ।

याद रहे बस इतनी सी बात ...
मोहब्बत ही तो है ,
फिरसे हो जायेगी ,
इस दफा तुम तो अगली दफा कोई और ,
दिल में बस जायेगी ।

मोहब्बत ही तो है ,
फिरसे हो जायेगी ।।

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