वो कल याद आने लगा ,
बीता हर पल संग तेरे ,
अब मुझे सताने लगा ।
चंद पल के साथ में ,
जिंदगी भर का एहसास था ,
दूर हो कर भी मुझसे ,
तेरा हर एक लम्हा मेरे पास था ।
देखती निगाहें तेरी मुझे ,
आज फिर पुकार रही हैं ,
नजरों में बसा कर अपने ,
दिल में उतार रही हैं ।
आसमान में तारे आज कुछ ,
कम टिमटिमा रहें है ,
चांद से शायद ,
तुझ जैसे वो भी शर्मा रहें हैं ।
आंखो से बहते आंसू ,
मोती बन कर गालों पे आ रहें ,
और फेर कर उंगलियां जिनपर ,
हम हाथों से सहला रहें ।
किस्सा एक और दर्द का ,
वो मुझे सुना रही है ,
छोड़ कर अपनी मोहब्बत को ,
मेरे पास आ रही है ।
इश्क़ में अक्सर कंधा ,
बेहतर इश्क़ निभाता है ,
चंद पल के साथ में ,
जिंदगी भर का एहसास छोड़ जाता है ।
No comments:
Post a Comment