Wednesday, September 17, 2014

इतेफाक


तेरी अदाओ का कश्मकश ,
तेरी आंखो का जादू ,
हर वक़्त करता था ,
मेरे दिल को जो बेकाबू .

अब ना जाने तुम कहा ,
साथ सबको ले गयी ,
दिल की चाहत तुझे चाहने की ,
अधूरी ही रह गयी .

यु तो दिल तुम ,
तब ही मुझे दे बैठी थी ,
जब देखते ही पहले दफा ,
अपनी मोहब्बत को भुला ,
मुझसे आशिक़ी कर बैठी थी .


पर तब दिल मेरा दगा दे गया ,
समझा नहीं तेरे इशारे को ,
और छोड़ कर बीच मझदार में तुझे ,
किसी और का हो गया .

पर जब लौट दिल मेरा ,
सब लूटा , हार कर ,
तब तेरे दिल ने तुझसे कहा ,
इस दिल से तू मत प्यार कर .

तेरा प्यार तब तेरी ताकत था ,
जीभर करता तुझसे चाहत था ,
पर तोड़ तेरा दिल वो भी चला गया ,
और मैं तेरे बिखरे दिल को जोड़ता रह गया .

यु तो कई दफा ,
दिल से दिल को हमने मिलाया था ,
पर तोड़ कर दिल को ,
कभी तुमने कभी हमने ,
खुद से एक दूसरे को दूर पाया था.

एक दफा फिर दिल तुझसे ,
अब मोहब्बत करने का करता है ,
पर उससे पहले जान ले हम  ,
मुझसे आशिक़ी को दिल तेरा क्या कहता है .

बस करीब हम इतने आ जाये ,
की अब दगा हम दूरियों को दे जाए ,
भूलने से भी ना भूले हम अपनी आशिक़ी को ,
आओ ऐसी मोहब्बत कर जाए ..


अब तुम मेरे और
हम तुम्हारे बन जाए ,
आओ भुला कर हर बातो को ,
दिल मे अब तक दबी बात कह जाए .
आओ अब ऐसी मोह्हबत कर जाए ..

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1 comment:

Anonymous said...

:P stupidity full of nonsense, ridiculous :x