Tuesday, April 12, 2016

मौत को आना है .. जिनको जाना है

मौत को भी आना है एक रोज़ , 
हम को भी जाना है , 
जीले ज़िन्दगी मुस्कुराके , 
गम मे क्यों उसे बिताना है | 

हर ओर ख़ुशी की तलाश मे , 
हम झट से हर लम्हे को समेट लाते , 
हम तो उनकी ही खातिर , 
गम मे भी मुस्कुराते | 

था भरोसा खुद पर नहीं , 
या यु कहे उनपर खुद से जादा कही , 
पर एक झटके मे वो सब बिखरा गए , 
मौत और मेरे फासले को मिटा गए | 
 
जो कभी मौत को हमने बुलाया ,
वो झट से चली आएँगी , 
टूटे रिश्ते और वादों को देख रही है खूब वो , 
अब उसके आने के बाद ही कही खबर जायेगी |

हमारे कल को आज ला कर , 
हमे वो कल मे ले गए , 
छीन कर ले गए एक झटके मे खुशिया हमारी , 
हम बस देखते रह गए |

था क़सूर सिर्फ इतना मेरा ,
हम कुछ नहीं थे छिपाते , 
सच चाहें हो कैसा भी , 
हम आ कर झट से थे उन्हें बताते ।

चल रहे थे ख़ुशियों के सड़क पर , 
वक़्त ने एक दफ़ा फिर हमें ढकेला है ,
छूटा है सिर्फ़ साथ ही नहीं अपनो का , 
सच ने भी हमसे मुँह फेरा है ।

चलो जो चले भी गए दुनिया से , 
दिल मे मलाल नहीं होगा , 
सच्चे तो हम अपनो कीं ख़ातिर हुए है , 
उम्मीद है फिर कभी सच्चे दिल वालों का , 
ये अंजाम नहीं होगा , 
हर तोड़ने वाले भरोसे वालों का , 
बस मेरा यहीं आख़िरी पैग़ाम होगा .. 

मौत को भी आना है ... हमको भी जाना है ।

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