Monday, April 6, 2020

प्यार

मेरी कहानी के हज़ार पन्नो मे ,
एक ख़ाली पन्ना भी पड़ा है ,
है लिखना बाक़ी जिसेमें,
हुआ वो “इश्क़” मुझे इस दफ़ा है ।

मेरे गुज़रते वक़्त के साथ ,
तुम हरदम आस पास ही नज़र आते ,
पर सोचा नहीं था तुम ही हो मेरी मोहब्बत ,
वरना कब का ये दिल तुम्हें दे आते ।

मेरे दर्द मे रोते तुम ,
और ख़ुशियों मे मुस्कुराते ,
मेरी एक झलक पाने को तुम ,
दूर कही से आते ।

मेरे टूटे दिल को अब ,
धड़कने की इजाज़त ना थी ,
ख़्वाब बुरा सा मान कर ,
उसे भुल जाने की आफ़त भी थी ।

तुमने आकर मुझ अधूरे को ,
पुरा सा कर दिया ,
बेवजह उलझी सवालों में थी अक्सर ,
मौजूदगी ने तेरे जवाबों से भर दिया ।

क्यूँकि अब इस दिल को ,
हम तुझपर लुटा बैठे थे ,
भुल कर इस जहाँ को ,
तुझमें दुनिया बसा बैठे थे ।

अब ये प्यार ना कभी कम होगा ,
अधूरे पड़े पन्ने पर ,
ज़िक्र इसका हरदम होगा ,
होगा मेरे साथ बन कर ज़िंदगी मेरी ,
मेरी कहानी की शुरुआत और
मेरे प्यार पर ही जो ख़त्म होगा ।

3 comments:

mid night writer said...

Khubsurat 😍

Nitesh Tripathi said...

Heart touching lines sir

Durgesh Gupta said...

Waw amazing sir really wonderful line
Guzarish h aapse kash bandishe n hoti
Wafa me hi pyar ye ranzishe n hoti
Kamyabi hi Azeeb paheli h zindagi ki
Pyar hi ishque h Ishwar e manzile n hoti
Hearts touching line