Wednesday, April 7, 2021

कह दिया होता

तुम खुश हो यही काफी है ,
किसी और के साथ ही सही ,
क्या फर्क पड़ता है ,
हमें एक दफा कह दिया होता ,
कोई और तेरे दिल मे रहता है ।

तू खुश है साथ उसके ,
और हमें क्या चाहिए ,
वक्त के साथ करें खुदा ,
मिले वो हर खुशी जो तुझे चाहिए ।

कह दिया होता बस एक दफा ,
हम खुद ही कही गुम हो जाते ,
चंद रोज के खुबूसरत यादों के संग ,
जैसे अब .. वैसे तब भी मुस्कुराते ।

लगा था नहीं यूं कभी जाओगी ,
पहली दफा कही बातों को झुठलाओगी ,
पर क्या ही फर्क पड़ता है ,
दिल लगाने से कौन डरता है ।

मोहब्बत सच्ची हो हमेशा पूरी ,
ये जरूरी नहीं ,
हम जैसा ही चाहिए मोहब्बत उन्हें ,
ये कोई मजबूरी नहीं ।

बनाना था जिंदगी भर का जिसे ,
जिंदगी भर के लिए दूर हो जाऊंगा ,
मैं एक और आखिरी दफा ,
अलविदा कहने जरूर लौट कर आऊंगा ,
जिस रोज आसमां में तारा बन जाऊंगा ।

मैं जा रहा हू लौट कर अपने रास्तों पर ,
फिर अजनबी बन जाऊंगा ,
है उम्मीद वो तेरी हर उम्मीद पूरी कर जाए ,
तेरे हिस्से बस अब सिर्फ खुशियां आए ।

कह दिया होता ,
गर इतनी सी बात थी !!

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