Saturday, August 10, 2019

बेचारी मोहब्बत

ऐसी मोहब्बत का क्या फ़ायदा ,
जहाँ इश्क़ करने की इजाज़त ना हो ,
बेवजह हम उलझे हो उनके ख़्यालों में ,
जिन्हें हमारी चाहत ना हो ।

हर सुबह उठते ही ज़िक्र,
जिसका उसे आता है ,
फोने पर लगी तस्वीर उसकी ,
देख नम आँखो से वो मुस्कुराता है ।

मालूम नहीं क्यू इस क़दर ,
वो इतने दूर हो गये ,
मिलते नहीं ख़्वाबों मे भी अब तो ,
आख़िर क्यू इतने मजबूर हो गये ।

कल तक के क़समें वादे ,
नाजाने अब कौन निभायेगा ,
मालूम नहीं इस ज़िंदगी में ,
कौन बन कर ...
सच्ची वाली मोहब्बत आयेगा ।

दिल के धड़कनो पर ,
कहाँ किसी का ज़ोर है ,
तेरे जाने से कही जादे ,
उसके आने का शोर है ।

बस मोहब्बत अब ख़्यालों में ,
और नहीं कर पायेंगे ,
जो नहीं मिली मंज़िल गर ,
इन्ही रास्तों पर लौट आयेंगे ।

चाहत थी नहीं जिसे हमसे ,
उससे ही मोहब्बत कर जायेंगे ,
एक दफ़ा फिर और सही ,
हम दिल तोड़ने को लायेंगे ।

मोहब्बत .. उससे ही करते जायेंगे ।।

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