Tuesday, July 30, 2019

बदनाम “मोहब्बत”

वक़्त के साथ रिश्ते बदल जाते है ,
आज इनसे , कल उनसे दिल लगाते है ,
वो हँसाती , हम रुलाते है ,
बस अक्सर यूही दीवाने हो जाते है ।

ना होती चाहत सच्ची वाली ,
ना ही वो होता आख़िरी बार है ,
लग जाये जहाँ दिल हमारा ,
हो जाता वहीं सच्चा प्यार है ।

जिसको समझ सच्ची मोहब्बत ,
ज़िंदगी उसके नाम कर दी ,
वक़्त के बदलें के साथ ,
सच्ची मोहब्बत बदनाम कर दी ।

कल तक वाली ज़िंदगी से बेहतर ,
आज ज़िंदगी लगने लगी ,
कंधो पर सुकून से रखते थे सर जिसके ,
‘आप कौन’ अब वो कहने लगी ।

क्यूँकि हम जीते हैं हर दफ़ा ,
अपनी ही शर्तों पर ,
बस वक़्त के साथ ,
चाहत बदल जाती हैं ।

कभी वक़्त के साथ वो मुकरती ,
कभी हम चले जाते है ,
बेवजह हर दफ़ा ,
बदनाम मोहब्बत को कर जाते है ||

2 comments:

Chanchal said...

Bhut khuoobh likha h sir ap ne

Chanchal said...

Bhut khuubh likha h sir ap ne 😊😊