Tuesday, June 30, 2020

चमन की बहार

ये इश्क़ की ज़ंजीरो में ,
बँधा एक दिल है ,
छोटी सी ख़्वाहिश जिसकी ,
दूर बहुत मंज़िल है ।

ख़्वाबों से ख़्यालों तक का सफ़र ,
था बहुत शानदार ,
ख़ूबसूरत वो और उसकी अदायें ,
खिच ले मुझे अपनी ओर हर बार ।

सच से बस उतना ही था फ़ासला ,
जितना वो हमें पहचानते थे ,
आज भी हम थे उनके लिये अनजान ,
बस इतना ही वो जानते थे ।

दूसरों की आँखों में ,
बसी उसकी तस्वीर ,
कैसे नज़रों से उतार लाते ,
कैसे ख़्वाबों को तोड़ पाते ।

मोहब्बत हमने भी की थी ,
पर हाले दिल किसी बताते ,
ख़्वाबों में है सिर्फ़ साथ मेरे ,
कैसे बस इतना सा सच सुनाते ।

धड़कनो से माँगा उधार हो तुम ,
सच्चा प्यार हो तुम ,
ख़्वाबों में ही सही ,
चमन की बहार हो तुम ।। 

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