Sunday, October 13, 2019

इश्क़ तेरा

हर रोज़ बदलते जज़्बातों के ,
हर रोज़ भूलते वादों के ,
गर नहीं बदला कुछ एक है ,
वो है ... इश्क़ तेरा ..!

सुबह के ताज़गी से भी जादा ताज़ा ,
दिन के रंगो से रंगीन ,
सर्द पड़ते मौसम से गर्म ,
और शाम के लालिमा से हसीन ,
गर कुछ है .. इश्क़ तेरा ।

दिल के धड़कनो पर राज जिसका ,
मेरी मोहब्बत पर नाज़ जिसको ,
हर लम्हे में होता जो साथ मेरे ,
गर कुछ है .. इश्क़ तेरा ।

मेरी मायूस होने पर जो हँसाता ,
मेरे रूठ जाने पर जो मनाता ,
मेरे जाने पर पीछे पीछे आता ,
गर कुछ है .. इश्क़ तेरा ।

मेरी ज़िंदगी भी एक .. और मौत भी ,
वो ही समंदर और रेत भी ,
वही दिन और और वही रात ,
गर कुछ है .. इश्क़ तेरा ।

आख़िरी साँस तक मैं ,
जिसका साथ निभाऊँगा ,
हर मोड़ पर मिल जाऊँगा ,
गर कुछ है .. इश्क़ तेरा ।।

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