होता वक़्त कम पास जिसके ,
मुझे सीने से लगाने को ,
आती नहीं अदाईगी जिसे ,
मोहब्बत जताने को ।
करते नहीं बया अपनी ख़ुशी ,
ना दर्द दिखाते है ,
देख ले सुकून से जो सपने हम ,
चैन से हमें सुलाते है ।
होती है बातें थोड़ी कम ,
पर बहुत कुछ सिखाते है ,
चंद आँखो की हरकत और
इशारों से हम समझ जाते है ।
मालूम नहीं होता उनके भूख का ,
पर हमें भर पेट खिलाते ,
कभी प्यार कभी फटकार से ,
अपना एहसास छोड़ जाते ।
बस इंतज़ार होता उन्हें एक लम्हे का ,
कब मेरे नाम से वो जाने जाये ,
ज़िंदगी भर के इस उम्मीद को ,
उतार सिने से मुझे गले लगाये ।
पापा अभिमान है ,
पापा सम्मान है ,
पापा गौरव और ,
पापा ही ज्ञान है ।
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