बस डरता हु ..
आज भी दिल लगाने से ,
एक दफ़ा फिरसे टूट जाने से ,
मोहब्बत में फ़ना हो कर ,
रूठ जाने से ।।
तेरा इंतज़ार बड़ी शिद्दत से कर रहा ,
मैं आज भी उन रहो पर ,
जहाँ साथ चलने को तू आई थी ,
उम्र भर साथ रहने की कसमें खाई थी ।
शायद तू आज भी वो क़समें निभा रही होगी ,
होगी जहाँ भी मुस्कुरा रही होगी ,
बस बदला होगा कुछ तो वो मेरा साथ होगा ,
मेरे बदले थामा तूने किसी और का हाथ होगा ।
बड़ा ख़ुशनसीब होगा दिल वो ,
जिसपर तू क़ुर्बान हो गई ,
मंज़िल भी मिल गई होगी मुक़्क़दर की ,
शायद मेरी ज़िंदगी तुझसे अनजान हो गई ।
क्यूँकि मानता था पहली मोहब्बत को ,
आख़िरी मैं आज तक ,
मेरी साँसे नीलाम हो गई ,
जिस पल वो अनजान हो गई ।
उन राहों से गुज़रना जो कभी ,
मेरी रूह का एहसास पाओगी ,
सच्ची मोहब्बत बँटती नहीं ,
शायद तब समझ पाओगी ।
ख़ैर , गर भूल गये होंगे वो रास्ते ,
कैसे हमें जान पायेंगे ,
गर ना होगी उनसे उसको सच्ची मोहब्बत ,
ख़ुद बख़ुद एक रोज़ समझ जायेंगे ।।
आज भी दिल लगाने से ,
एक दफ़ा फिरसे टूट जाने से ,
मोहब्बत में फ़ना हो कर ,
रूठ जाने से ।।
तेरा इंतज़ार बड़ी शिद्दत से कर रहा ,
मैं आज भी उन रहो पर ,
जहाँ साथ चलने को तू आई थी ,
उम्र भर साथ रहने की कसमें खाई थी ।
शायद तू आज भी वो क़समें निभा रही होगी ,
होगी जहाँ भी मुस्कुरा रही होगी ,
बस बदला होगा कुछ तो वो मेरा साथ होगा ,
मेरे बदले थामा तूने किसी और का हाथ होगा ।
बड़ा ख़ुशनसीब होगा दिल वो ,
जिसपर तू क़ुर्बान हो गई ,
मंज़िल भी मिल गई होगी मुक़्क़दर की ,
शायद मेरी ज़िंदगी तुझसे अनजान हो गई ।
क्यूँकि मानता था पहली मोहब्बत को ,
आख़िरी मैं आज तक ,
मेरी साँसे नीलाम हो गई ,
जिस पल वो अनजान हो गई ।
उन राहों से गुज़रना जो कभी ,
मेरी रूह का एहसास पाओगी ,
सच्ची मोहब्बत बँटती नहीं ,
शायद तब समझ पाओगी ।
ख़ैर , गर भूल गये होंगे वो रास्ते ,
कैसे हमें जान पायेंगे ,
गर ना होगी उनसे उसको सच्ची मोहब्बत ,
ख़ुद बख़ुद एक रोज़ समझ जायेंगे ।।
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