Friday, May 7, 2021

तुम याद आई मुझे

इतने सालों के बाद ,
पता नहीं क्यों ,
कब और कैसे ,
पर आज , अभी ,
इस वक्त ..
तुम याद आई मुझे ।

सब जानते थे तुमको ,
सब पहचानते थे तुमको ,
मेरे हर मर्ज की दवा थी तुम ,
"खुशी" ना जाने कहां हो गई गुम ।

भूल से भी जिक्र अब नहीं होता तुम्हारा ,
जिंदगी भर का होता शायद साथ हमारा ,
पर मेरी भी कुछ मजबूरियां थी ,
बेवजह ही नहीं आई दूरियां थी ।

तेरे हर पल के सुकून से ,
मेरे कुछ कर गुजरने के जुनून से ,
वाकिफ थी तुम ,
मेरी हद से बेहद के लिए काफी थी तुम ।

वो पहली बात , पहली मुलाकात ,
पहली नजर , पहला असर ,
आज सब याद आ रहा हैं ,
ना जाने क्यों तेरी ओर खींचा जा रहा है ।

मेरी ताकत हुआ करती थी तुम ,
कुछ भी कर गुजरने से नहीं डरती थी तुम ,
मांगा था तुमने ,
मांग में मेरे नाम का सिंदूर ,
नहीं दे पाया इतना भी तुमको ,  
बस यही था मेरा कसूर ।।

शादी मुबारक खुशी !! 

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