Tuesday, December 14, 2021

शिकायत

ए इश्क़ मुझसे तू ,
जरा किसी रोज़ ,
फुर्सत से मिलने आना ,
छोड़ कर सारा बहाना ।

बैठ कर उस रोज़ ,
हम दोनों बातें करेंगे ,
एक दूसरी के खिलाफ ,
मिल कर लिखेंगे ।

और भी बातों का कारवां ,
हम दोनों जारी रखेंगे ,
बस इस दफा दिल की भी ,
एक बारी रखेंगे ।

क्यों सच देकर तुझको ,
मैंने सिर्फ झूठ पाया ,
क्या तूने मुझसे भी पहले ,
किसी की मोहब्बत को था झुठलाया ।

क्या दिल लगाने की सजा ,
तू सिर्फ़ मुझे देने आया हैं ,
या फिर तू ये जुल्म ,
पहले भी कर आया हैं ।

दिल के टूट टुकड़ों से ,
इस दफा फिर मिलेंगे ,
आना कभी फुर्सत से ,
थोड़ी और बातें करेंगे ।।

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