Tuesday, January 4, 2022

तुम एक ख़्वाब

जिंदगी से मांग मांग कर भीख ,
अब मैं थकने लगा हूं ,
किसी अपने की तलाश में ,
किसी गैर को "तुम" कहने लगा हूं ।

तुम हो कहां भला ,
क्यों इतना वक्त लगा रही हो ,
खूबसूरत सजाए सपनो को ,
क्यों किसी और के हिस्से करा रही हो ।

हर गम और हर खुशी ,
का तुम मेरे आधार बनो ,
आ जाओ बस अब जिंदगी में ,
और मेरा आखिरी इजहार बनो ।

मुश्किल बहुत हैं सफर मेरा ,
डगर भी डगमगाया हैं ,
बहुत ने छोड़ा साथ मेरा ,
पर वो तो मेरा साया हैं ।

मेरे हर ख़्वाब को जो ,
सच में बदल कर दिखायेगा ,
मुझसे भी बेहतर इश्क़ ,
जो मुझसे निभायेगा ।

एक ना एक रोज़ तो ,
अपने श्रृंगार में वो भी ,
माथे पर बिंदी सजाएगी ,
मांग में मेरे नाम का सिंदूर लगाएगी ।

बस अब इंतजार मेरा ,
मानो बस ख़त्म होने को है ,
एक और रात के ख़्वाब में ,
जो अब खोने को है ।

तुम हो जहा भी ,
बस लौट कर अब आ जाओ ,
ख़त्म करो सिलसिला ख़्वाब का ,
और मेरा सच बन जाओ ।।

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