तुझमें कुछ तो अलग सी बात है ,
यूहीं नहीं मिला तेरा साथ है ,
शब्दों के इस सौदागर को ,
मिल गई खुशियों की सौगात है ।
अब डर नहीं लगता मुझे ,
तुझे दुनिया को दिखाने में ,
हाले दिल इस दुनिया को ,
खुल के सुनाने में ।
गुजरते वक्त के साथ ,
रिश्ता गहरा होने लगा है ,
बढ़ती दूरियों के साथ ,
वो मेरा होने लगा है ।
महफिल में तेरी मौजूदगी से ,
देखो सब बदल सा जाता है ,
खामोश रहने वाला लब ,
अब शोर मचाता है ।
लड़ते झगड़ते और तुम पर मरते ,
देखा कितना वक्त गुजर गया ,
हर दफा बिखरने पर ,
रिश्ता और जुड़ गया ।
तुम अगर साथ हो मेरे ,
और भला मुझे क्या चाहिए ,
कितनी है मोहब्बत मुझसे ,
जरा खुल कर बताइए ।।
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