Tuesday, August 3, 2021

बैठी निगाहें

किसी को इश्क़ में ,
आप हां तो करेंगे ,
गर आप भी उससे ,
मोहब्बत करेंगे ।

पर क्या वो आप से ,
मुझ जैसी मोहब्बत करेंगे ,
एक तरफा ही सही ,
आप पर हर पल मरेंगे ।

कभी अधूरेपन के अंधेरे में ,
कोई रोशनी बन कर आयेगा ,
आप के दिल को ,
इश्क़ के उजाले से भर जायेगा ।

ना मेरी याद होगी ,
ना चांद की कोई बात होगी ,
आसमां में गैर मौजूदगी भी ,
हम दोनों की बेहद साफ होगी ।

क्या लौट कर आप आयेंगे कभी ,
या यूंही अधूरे रह जायेंगे सभी ,
आप सी मोहब्बत ,
क्या वो आप से निभायेंगे कभी ।

सवालों के जवाब तलाशता दिल ,
और आपके इंतजार में बैठी निगाहें ,
बताना जरूर गर कभी छूट जाए ,
थामी है आप ने जो बाहें ।

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