Sunday, October 17, 2021

तुम

तुम महज़ कोई ख़्वाब हो ,
या मेरा सच बन कर आई हो ,
खुशियों के अनगिनत सौगात ,
जो संग लेकर आई हो ।

कुछ पल में ही कैसे भला ,
कोई जिंदगी बन जाता हैं ,
इश्क गर होना होता है ,
पल भर में हो जाता है ।

कुछ उखड़ी उखड़ी सी मुझसे ,
तुम आज क्यों लग रही हो ,
छोड़ने का इरादा है क्या मुझको ,
जो दूर चल रही हो ।

हाथ ना थामने का मुझे ,
कोई भी मलाल नहीं ,
रूठ जाऊ मैं इन बातों से ,
इतना भी खुदगर्ज .. बेहाल नहीं ।

एक जुल्म तुमने कल ,
अंजाने में कर दिया था ,
आंखो को अपने आंसुओ से ,
जब तुमने भर दिया था ।

खूबसूरत और भी मुस्कान ,
अब तुम्हारी लगने लगी हैं ,
जबसे आंखो के साथ ,
होठों पर बसने लगी है ।।

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