इश्क़ में बर्बाद बहुत होते हैं ,
पर आबाद भी तो होते होंगे ,
मुझ जैसे चंद खुशनसीब और ,
तुझ जैसे बदनसीब भी तो होते होंगे ।
होते होंगे इश्क़ की नैया पार लगाने वाले ,
कुछ होते होंगे नाव डुबाने वाले ,
कोई पहली दफा दिल लगाता होगा ,
कोई एक और दफा तोड़ जाता होगा ।
जाता होगा जाने वाले छोड़ कर ,
बेवजह ही रिश्ता तोड़ कर ,
दिल वो भी किसी से लगाने को ,
जो ना मिला तुझसे वो पाने को ।
पाने को नहीं खोने को मिले थे ,
हर सुख चैन जो तुझे दे चुके थे ,
लगा जैसे जन्नत मिल गई हो ,
जो अब जहन्नुम बन रही हो ।
बन रही हैं कहानियां हर रोज़ ,
हर झूठ को छिपाने के लिए ,
हो कर इश्क़ में किसी और के ,
किसी और का बताने के लिए।
बताने के लिए बचा ही क्या है ,
और छिपाना अब क्या बाकी है ,
मोहब्बत निभाना आसान नहीं होता ,
जब तक मिल ना जाए सच्चा साथी है ।
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