इश्क़ में हो तुम किसी के ,
या किसी रिश्ते में बंधी हो ,
दिल में है भी कोई जगह ,
या पहले ही भर चुकी हो ।
पूछा नहीं कभी तुमसे ,
ना तुमने कभी मुझे बताया ,
हां तुम्हारे एक सवाल से ,
दिल थोड़ा था घबराया ।
ख्वाबों को छोड़ कर आज कल ,
तुम सब जगह आने लगी हो ,
नींद चुरा कर रातों की जबसे ,
तुम मेरी जाने लगी हो ।
तुम से कही हर बार चुपके से ,
दुनिया जान चुकी है ,
तुम्हें छोड़ कर सारी दुनिया ,
जिसे सच मान चुकी है ।
जान कर हाल-ए-दिल अगर ,
तुमसे इश्क़ हो तो भला ,
वो इश्क़ ही क्या होगा ,
फैसला जिसका तुम्हारा इश्क़ करेगा ।
मैंने दिल को रोका नहीं कभी ,
ना दिल को तेरे हां का इंतजार ,
इश्क़ गर एकतरफा भी हो ,
कहते तो उसे भी प्यार हैं ।।
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