Thursday, October 14, 2021

आप से तुम

आप से तुम ,
तुम से अब मेरी हो गई ,
एक पल में हुई मोहब्बत ,
मेरी जिंदगी बन गई ।

तुम्हारी मुस्कुराहट से शुरू ,
इश्क़ की कहानी हुई ,
आंखो में बसी तस्वीर तुम्हारी ,
दुनिया जिसकी दीवानी हुई ।

मैं चलने लगा सफ़र में ,
तेरे एक सवाल के बाद ,
कह दिया तू ही है जवाब ,
हर कलाम के साथ ।

तेरे आंखो की शरारत ,
तुझे और खूबसूरत बना रहीं थी ,
नज़रे बड़ी फुरसत से ,
हमसे आज तुम मिला रहीं थी ।

मैं निहार रहा तुझे अब भी ,
कोई ख़्वाब समझ कर ,
लौटा दो मेरा सच मुझे ,
अपना आफ़ताब समझ कर ।

और भी है सर्द गलियां ,
जिससे मुझे गुजर कर जाना है ,
रोक लो थाम कर हाथ मेरा ,
गर आखिरी यही ठिकाना है ।

कुछ नई सी शुरुआत ,
अब सफ़र का हिस्सा बन गई ,
एक पल में हो कर दूर वो ,
कोई किस्सा बन गई ।।

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