जरूरी था मेरे खत का खोना ,
तेरा किसी और का होना ,
हर रात इस मलाल से ,
अपनी पलकों को भिगोना ।
तेरे आने से जाने तक ,
हर बात मुझे याद हैं ,
तेरा जिक्र तेरे निशान ,
आज भी उतने ही साफ हैं ।
ना मैंने कभी इजहार किया ,
ना तूने कभी इनकार किया ,
जिस पल मैंने तुझसे लगाया दिल ,
तुने उस पल किसी और से प्यार किया ।
वक्त के साथ बदल गया सब ,
बस मेरा इश्क़ नहीं बदला ,
दिल का हुआ हाल कुछ ऐसा ,
सर्द मौसम में था जो पिघला ।
आज भी तेरी याद में ,
हम किस्से दुनिया को सुनाते है ,
दस्ता-ए-इश्क़ में तुझे हीरो ,
खुद को विलन बताते हैं ।
मेरी आखिरी तुझसे ,
बस इतनी सी फरियाद है ,
मत बाटना मेरी मोहब्बत ,
रह गई जो तेरे पास है ।।
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