Tuesday, October 12, 2021

ये भी जरूरी था

जरूरी था मेरे खत का खोना ,
तेरा किसी और का होना ,
हर रात इस मलाल से ,
अपनी पलकों को भिगोना ।

तेरे आने से जाने तक ,
हर बात मुझे याद हैं ,
तेरा जिक्र तेरे निशान ,
आज भी उतने ही साफ हैं ।

ना मैंने कभी इजहार किया ,
ना तूने कभी इनकार किया ,
जिस पल मैंने तुझसे लगाया दिल ,
तुने उस पल किसी और से प्यार किया ।

वक्त के साथ बदल गया सब ,
बस मेरा इश्क़ नहीं बदला ,
दिल का हुआ हाल कुछ ऐसा ,
सर्द मौसम में था जो पिघला ।

आज भी तेरी याद में ,
हम किस्से दुनिया को सुनाते है ,
दस्ता-ए-इश्क़ में तुझे हीरो ,
खुद को विलन बताते हैं ।

मेरी आखिरी तुझसे ,
बस इतनी सी फरियाद है ,
मत बाटना मेरी मोहब्बत ,
रह गई जो तेरे पास है ।।

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