तुम्हारे हिस्से इस जिंदगी की ,
वो कौन सी खुशियां कर जाऊं ,
ना रह कर भी इस जहां में ,
जिंदगी तुम्हारी खुशियों से भर जाऊं ।
हर दर्द और हर गम का खज़ाना ,
जिसे तुमने आज भी कहीं छिपा रखा है ,
क्या सच में तुमने मिटा दिया सब ,
या आज भी कहीं लिखवा रखा है ।
आंखो में देख कर तुम्हारे ,
बस सोचता हूं कह दूं हर बात ,
लौटा दू हर एक लम्हा ,
और गुजरी अधूरी रात ।
इश्क़ के मायने और मतलब ,
तुम सब बदलने लगी हों ,
गुजर कर निगाहों से मेरे ,
जबसे दिल में उतरने लगी हो ।
थाम कर हाथ तुम्हारा जब भी बैठता हूं ,
मानो उस पल में ही ठहर जाता हूं ,
करती हो बात जब कभी जाने की ,
हर दफा सोच कर जिसे डर जाता हूं ।
तुम हो सुकून मेरा हर पल ,
तुम्हारा सुकून मेरा बनना बाकी हैं ,
जिस पल भी गुजरों तुम मुझसे ,
मुझ जैसा सुकून मिल जाए तुमको ,
मेरे लिए बस यही काफी है ।।
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