Saturday, November 6, 2021

तेरा जाना

आकर जो गई तुम मुझसे ,
लगा जैसे कोई खुबसरत लम्हा खो गया ,
मिलते ही जो एक पल में ,
अगले ही पल गुम हो गया ।

तेरे सुकून की तलाश में ,
वक्त उलझने भी बढ़ाता है ,
हर दफा जब वक्त देकर ,
तेरा वक्त बट जाता है ।

मेरी जिस खता से आज तुम ,
मुझसे खफा हो गई हो ,
कुछ हद तक लगा जैसे ,
मुझसे जुदा हो रही हो ।

ना लफ्ज़ सज रहे मेरे ,
ना तुम्हारा दीदार हो रहा ,
इंतजार का हर एक पल ,
मुझपर ही सवाल उठा रहा ।

तुमसे माफ़ी मांगना मेरा ,
आज काफ़ी नहीं होगा ,
मायूस दिल की खामोशी में ,
मेरा कोई साथी नहीं होगा ।

हर जुल्म हर सजा दे दो मुझे ,
मैं सबके लिए तैयार हूं ,
बस लौटा दो अपनी मुस्कुराहट मुझे ,
मैं जिसके लिए बेकरार हूं ।।

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