Wednesday, November 24, 2021

आखिरी सच

तुम मेरा आखिरी सच हो ,
जिसको मैं झुठलाऊंगा नहीं ,
बाहों में भर कर सुकून से ,
ले जाऊंगा कहीं ।

तुम मेरा वो सच होता ख़्वाब हो ,
जिससे जुड़ी पूरा कायनात हो ,
तुम मेरी सिर्फ़ खुशी हो ,
दुनिया मेरी जिसमें बसी हो ।

तुम्हारे चेहरे पर मुस्कुराहट ,
हर रोज़ मैं सजाऊंगा ,
वक्त के साथ हर खूबसूरत लम्हा ,
तेरे हिस्से कर जाऊंगा ।

तुम बन कर मेरा सच ,
हर ख़्वाब सजा जाना ,
गर लगा कभी उलझने ,
तो सुलझा जाना ।

आकर मेरी बाहों में ,
मेरा सुकून मुझे लौटा दो ,
लम्हों के मोहताज इस शख्स को ,
उसकी खुशी से मिलवा दो ।

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