Wednesday, November 17, 2021

आखरी आस

जिस करवट मुड़ रही हैं जिंदगी ,
मैं उस करवट हो लेता हूं ,
मुसाफ़िर के इस सफ़र में ,
किसी हमसफ़र को चुन लेता हूं ।

जो मेरा सुकून हो ,
और हो सिर्फ़ मेरी खुशी ,
उलझनों में उलझ कर भी ,
मुस्कुराती हो जिसकी ज़िंदगी । 

हर पल हर डगर जो मेरे साथ हों ,
अटूट जिसका विश्वास हो ,
पहली का तो पता नहीं ,
पर ताउम्र जो मेरी आखरी आस हो ।

नज़र हो जिसकी पारखी ,
और नज़रिया ईमानदार हो ,
पहली नज़र वाला इश्क़ ,
जो एक दम शानदार हो ।

उसका का तो पता नहीं ,
पर वो मेरा आखिरी प्यार हो ,
जिंदगी भर मैं उसके ,
और वो मेरे लम्हों का कर्ज़दार हो ।

ख़्वाब हैं जो आज मेरा ,
सच में उसका कभी दीदार हो ,
साथ मेरे पास मेरे जो रहे हमेशा ,
मन में न कोई सवाल हो ।।

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