Saturday, November 13, 2021

तेरी आंखे

पहली दफा निगाहों से तुम्हारे ,
जिस रोज़ मेरी बात हुई ,
पहली दफा हम दोनों की ,
खुल कर मुलाकात हुई ।

तुम खामोश हो कर बस मुझे ,
शिद्दत से निहार रही थी ,
दूरियों को मिटा कर ,
मेरे बाहों में आ रही थी ।

चांद आसमान में रौशन ,
और तारे भी चमक रहे थे ,
दो अजनबी आज पहली दफा ,
एक दूसरे से मिल रहे थे ।

थाम कर हाथ तुम्हारा ,
जब मैं कुछ दूर चलने लगा ,
तुमने मुझको रोक दिया ,
ना जाने क्यों बीच रास्ते टोक दिया ।

पहला स्पर्श और उसकी खुमारी ,
अब तो बस चढ़ने लगी थी ,
जिंदगी जब पहली दफा ,
जिंदगी से मिलने लगी थी ।

सुकून तेरी आँखों में है,
या है मेरी नज़रों की तस्वीर में,
या फिर उलझने लगा है दिल,
हमारी उलझी तक़दीर में ll

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