Tuesday, November 16, 2021

दीदार

जब कुछ पल के लिए तुम ,
मुझसे दूर जाने लगी थी ,
थाम कर हाथ मेरा ,
मेरे पास आने लगी थी ।

आज वक्त की सुई गुजरने में ,
कितना वक्त लगा रही हैं ,
इंतजार तेरे दीदार का ,
हर गुजरते पल में बढ़ा रही हैं ।

आखिरी दफा हैं इस जिंदगी में ,
जब तुम मुझसे इतनी दूर हो ,
अपनी निगाहों में उलझन ,
और उसकी मौजूदगी से मजबूर हो ।

देख रहा तुम्हारी आंखों में जो ,
कहीं उसको किसी का दीदार ना हो जाए ,
कर रहा इंतजार जो सिर्फ तुम्हारा ,
कहीं उसकी झलक वो ना पा जाए ।

दिल की धड़कन का हाल ,
अब ये कैसा हो रहा हैं ,
बदलने लगा हैं शोर जिसका ,
जबसे तू मुझसे दूर हो चला हैं ।

बैठा हैं जो थाम कर हाथ तुम्हारा ,
हर पल हर लम्हा तुम्हारे इंतजार में ,
क्या बंद आंखो को आया ख्याल मेरा ,
या जिक्र तुम्हारे किसी सवाल में ।।

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