इश्क़ होने लगा था तुमसे ,
पर अब नहीं कर पाऊंगा ,
बेशक हर लम्हा खूबसूरत था संग तुम्हारे ,
पर अब नहीं उन्हें जी पाऊंगा ।
मैंने की हर कोशिश ,
खुद को मनाने की ,
सिर्फ तेरा हो जाने की ।
पर ऐसा हो नहीं पाया ,
दिल जो करने वाला था तेरे नाम ,
किसी और के नाम कर आया ।
कितना मुश्किल है ये सच बता पाना ,
की तुमसे मोहब्बत होने लगी थी ,
शायद और भी गहरी ,
जबसे तुम दूर रहने लगी थी ।
बदलेगा कुछ नहीं दरमियान हमारे ,
सिवाय अधूरे इश्क़ के ,
बहुत कुछ रह गया था कहना तुमसे ,
मिटा देंगे जिसे हम अपने जिक्र से ।
उसकी गैर मौजूदगी भी नहीं सताएगी ,
गर कभी वो महफिलों से दूर जायेगी ,
क्योंकि रोक पाना मुझे आता नहीं ,
और कोई टोके .. उसे ये भाता नहीं ।
1 comment:
kyaaaaa hi baat h ❤
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