उगते सूरज के साथ ,
एक नया इश्क होने को है ,
ढलती शाम के साथ ,
कोई इश्क़ खोने को है ।
इस पल कोई मिल रहा होगा ,
और कही कोई बिछड़ रहा होगा ,
खो रहा होगा कोई जिस्म में किसी के ,
कोई रूह में बस रहा होगा ।
कोई खा रहा होगा कसमें ,
कोई उन्हें तोड़ रहा होगा ,
होगी किसी की पहली मोहब्बत ,
कोई आखिरी बोल रहा होगा ।
तुमसे मैं मिल रहा ,
और तुम उनसे मिल रही ,
महफिल में मौजूद हर शख्स की ,
अपनी ही कहानी चल रही ।
कोई मोहब्बत अमर हो रही होगी ,
किसी की उम्र हो रही होगी ,
होगा कोई महज एक सौदा बस ,
किसी की जिंदगी चल रही होगी l
इस पल में ना जाने कितने पल ,
हर पल गुजर रहे होंगे ,
इश्क़ के मायने और मुखौटे ,
सब बदल रहे होंगे ।
ये इश्क़ भी ,
सौदा कमाल करता है ,
एक पल मालामाल ,
अगले ही पल नीलाम करता है ।
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