Friday, July 30, 2021

किसी और से मोहबब्त

तुम्हें जल्दी है ना ,
मेरा किसी और के हो जाने की, 
वक्त के साथ मेरे हर कहे को ,
खुद से झुटलाने की ।

तुम लिखो अपने इश्क़ की ,
एक और नई कहानी ,
वक्त आने पर रखना यकीन ,
हम सुनाएंगे जिसे अपनी जुबानी ।

मैं गया कई दफा दूर तुमसे ,
दिल किसी और से लगाने को ,
छोड़ कर इश्क़ तेरे हिस्से का ,
किसी और से निभाने को ।

पर ना दिल लगा किसी से ,
और ना तेरा जिक्र छूटा ,
मेरे इस अंदाज से ,
ना जाने कितनों का दिल टूटा  ।

तुम अपना इश्क़ ,
उनसे ही शिद्दत से निभाओ ,
हो सके तो उन्हीं के ,
दिल में बस जाओ ।

वक्त के साथ ,
हर जवाब मिल जायेगा ,
जब किसी रोज़ ,
वो मुझसे टकराएगा ।

खुद तो बिखरा ही होगा ,
मुझे भी अधूरा पायेगा ,
हो जाओ किसी और का ,
शायद फिर ना कह पायेगा ।