अंजाने में ही सही ,
पर आज दिल उसका दुखा बैठा ,
मुस्कुराहट पर कुर्बान सब जिसके ,
चहरे से उसके मुस्कुराहट मिटा बैठा ।
आज सुना पहली दफा ,
अपनी कहानी उसकी जुबानी ,
पर सच झुठला बैठा ,
अंजाने में आज दिल दुखा बैठा ।
उस पल के खुशी और एहसास को ,
चंद लम्हों के बनते खास को ,
मैं एक पल में गवा बैठा ,
अंजाने में आज दिल दुखा बैठा ।
तुमसे कितना कहूं और कैसे कहूं ,
ये सब नया और खूबसूरत है ,
लम्हों में है जिक्र सिर्फ तुम्हारा ,
अल्फाजों से सजी जो मूरत है ।
तुम्हारी तारीफ करने से घबराता हु ,
हर दफा मुस्कुराता हु ,
जब भी तुम्हारे जिक्र में ,
खुद को आखिरी पाता हु ।
हो सके तो माफ करना ,
और मुस्कुराहट लौटा देना ,
हुई गुस्ताखी अंजाने में जो ,
नई सुबह के साथ भुला देना ।।
हो सके तो मुस्कुरा देना ।।
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