किसी का दिल तो टूटा होगा ,
जब वो दोनों जुड़ रहे होंगे ,
मिट रही होगी किसी के ,
किस्मत की लकीरें ,
जब वो मांग भर रहे होंगे ।
सज रही होगी दुल्हन कहीं ,
जब अपने घर जाने को ,
बेघर हो रहा होगा कोई ,
था सपना जिसका घर बसाने को ।
वो कसमें जो कोई मंडप में खा रहा होगा ,
शायद पहले कही और निभा रहा होगा ,
होते और मजबूत गठबंधन के ,
किसी की उम्मीदें ताउम्र मिटा रहा होगा ।
कोई तो होगा जिसका जिक्र ,
उनके दिल में आ रहा होगा ,
होठों पर होगी मौजूद मुस्कुराहट ,
पर अंदर से दिल को रुला रहा होगा ।
काश मेरे बगल में बैठा शख्स तुम होते ,
ये मलाल फिर उन्हें सता रहा होगा ,
यादों का कारवां जब ,
आंखो के सामने से गुजरता जा रहा होगा ।
काश खाई थी कसमें जो ,
वो निभा पाए होते ,
तो शायद आज तुम ,
मेरे मांग में सिंदूर भर रहे होते ।
इश्क़ मुकम्मल हो हर दफा ,
इतना खुश किस्मत हर शख्स कहां होता है ,
इश्क में होकर भी अक्सर किसी के पूरा ,
वो किसी के इश्क़ से अधूरा होता है ।
इश्क़ मुकम्मल हो हर दफा ,
इतना खुश किस्मत हर शख्स कहां होता है ll
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