Friday, July 30, 2021

उदास

आज पहली दफा ,
उन आंखो को नम पाया ,
मुस्कुराहट उसके चहरे पर ,
कुछ कम पाया ।

आज वो महफिल में ,
अपना कल बता रही थी ,
पन्नों में सजे शब्दों को ,
पढ़ कर सुना रही थी ।

वो बीते पल और लम्हें ,
सब याद आ रहे थे ,
जब वो अपनी कहानी ,
दुनिया को सुना रहे थे ।

बस तभी जज़्बात बन कर आंसू ,
आंखो से उनके छलक आए ,
छोड़ गया था उनकी कहानी जो ,
उसे वो साथ ले आए ।

कितना वो तुम्हें जानता था ,
हर लम्हें को तुम्हारे पहचानता था ,
तुम्हारी जिंदगी के हर पहलू को ,
अल्फाजों में सवारता था ।

वो कहता था तुम्हे ,
हर पल खुल कर मुस्कुराओ ,
जीत कर हर जंग अपनी ,
दुनिया को दिखाओ ।


दिल में जिंदा है ताउम्र वो तुम्हारे ,
और पन्नों में जिंदा उसकी बाते ,
हो क्यों उदास इतना ,
क्या याद नहीं वो खूबसूरत मुलाकाते ।

मुस्कुराओ दिल खोल कर ,
वो भी संग तुम्हारे मुस्कुराएगा ,
जितनी दफा मुस्कुराते ,
तुमको वो पायेगा ।।

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